समाज हो या सरकार, आगे तभी बढ़ सकते हैं, जब उनके पास सपने हों, वे सिद्धांतों कि कसौटी पर कसे हुए हो और उन सपनों को यथार्थ में बदलने का संकल्प हो| आजकल सपने रहे नहीं, सिद्धांतों से लगता है किसी का मतलब नहीं, फिर संकल्प कहाँ होगा ? चारों तरफ विश्वास का संकट दिखाई पड़ रहा है| ऐसे में आइये एक अभियान छेड़ें और लोगों को बताएं कि सपने बोलते हैं, सिद्धांत तौलते हैं और संकल्प राह खोलते हैं| हम झुकेंगे नहीं, रुकेंगे नहीं और कहेंगे, विजयी विश्व तिरंगा प्यारा, झंडा ऊँचा रहे हमारा|
शुक्रवार, 13 जून 2025
युद्ध क्यो
गुरुवार, 12 जून 2025
जिन्दगी_के_झरोखे_से
बुधवार, 11 जून 2025
जिंदगी के झरोखे से
रविवार, 1 जून 2025
जिन्दगी_के_झरोखे_से
गुरुवार, 29 मई 2025
जिन्दगी_के_झरोखे_से
#जिन्दगी_के_झरोखे_से--
आज से इतने साल_पहले का यह #1977_का_समाचार है जब ड़ा शिवानंद नौटियाल उत्तर प्रदेश के शिक्षा मंत्री थे रामनरेश यादव जी की सरकार मे मेरे नेत्रत्व मे छात्रो का प्रतिनिधि मंडल मिला था उनसे आगरा के कुलपति को बर्खास्त करवाने को ।
बाद मे हम लोगो ने उत्तर प्रदेश के राज्यपाल एम चन्ना रेड्डी को घेर लिया आगरा के सर्किट हाऊस मे ,लाठीचार्ज हुआ पर हटे नही हम लोग और सुबह से रात हो गयी तो सर्किट हाऊस की लाईट बुझा कर उन्हे पीछे के रास्ते से निकाला गया ।
दूसरे दिन राज्यपाल ने उस कुलपति को बर्खास्त कर दिया ।
इसके पहले एक दिन कुलपति को उठा कर मैं उनकी कुर्सी पर बैठ गया और आदेश शुरू कर दिये ।एस पी ए एन सिंह और ए डी एम सिटी राम कुमार कुंवर मे बाहर लाठी चार्ज कर छात्रो को तीतर बितर कर दिया और अंदर आकर मुझसे उठने का आग्रह किया पर तब भी मैने इस शर्त पर उठना मंजूर किया की कुछ घंटे का ही सही मेरे कुलपति होने पर पहले चाय पिए सब लोग तब उठ जाऊंगा ।
और वही हुआ ।किसी पर कोई मुकदमा कायम नही हुआ ।
कुलपति बहुत भ्रष्ट था एक तरफ हम लोगो को लालच देता था और दूसर तरफ कुछ पालतू गुंडो जिसमे से एक सरगना को ओ एस डी बना लिया था उनसे धमकवाता था ।पर उस जमाने मे गुंडो की हैसियत ही नही थी कि सामना कर सके ।
जिन्दगी_के_झरोखे_से
जिन्दगी_के_झरोखे_से
जिन्दगी_के_झरोखे_से
बुधवार, 28 मई 2025
जिन्दगी_के_झरोखे_से
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जिन्दगी_के_झरोखे_से
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रविवार, 25 मई 2025
ज़िंदगी_के_झरोखे_से
जिन्दगी_के_झरोखे_से
जिन्दगी_के_झरोखे_से
जिन्दगी_के_झरोखे_से
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बुधवार, 14 मई 2025
जिंदगी के झरोखे से
शनिवार, 3 मई 2025
क्या कांग्रेस सबक लेगी
शुक्रवार, 2 मई 2025
2021
बुधवार, 9 अप्रैल 2025
जिंदगी के झरोखे से
अहमदाबाद सम्मेलन
- विदेश नीति पर रणनीति: वैश्विक मंच पर भारत की स्थिति और क्षेत्रीय चुनौतियों को देखते हुए, कांग्रेस ने विदेश नीति पर व्यापक मंथन किया। विशेष रूप से, पड़ोसी देशों के साथ संबंध, वैश्विक व्यापार, और जलवायु परिवर्तन जैसे मुद्दों पर पार्टी की स्थिति को स्पष्ट करने का प्रयास किया गया।
- शिक्षा और निजी क्षेत्र में आरक्षण: शिक्षा में समानता और निजी क्षेत्र में अनुसूचित जाति (एससी), अनुसूचित जनजाति (एसटी), और अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के लिए आरक्षण लागू करने की नीतियों पर चर्चा हुई। यह मुद्दा सामाजिक न्याय के प्रति कांग्रेस की प्रतिबद्धता का हिस्सा है।
- संगठनात्मक पुनर्गठन: गुजरात में पार्टी की स्थिति को मजबूत करने के लिए बूथ स्तर से लेकर प्रदेश स्तर तक संगठन को पुनर्जनन करने की रणनीति बनाई गई। इसमें युवा और महिला नेताओं को अधिक जिम्मेदारी देने पर जोर दिया गया।
- आर्थिक और सामाजिक मुद्दों पर रुख: महंगाई, बेरोजगारी, और सामाजिक असमानता जैसे मुद्दों पर जनता के बीच अपनी आवाज को और प्रभावी बनाने के लिए नीतिगत प्रस्ताव पारित किए गए।
- विचारधारा की मजबूती: कांग्रेस ने अपनी धर्मनिरपेक्ष और समावेशी विचारधारा को पुनर्जनन करने का प्रयास किया, ताकि यह जनता के बीच अधिक प्रभावी ढंग से पहुंच सके।