रविवार, 21 अप्रैल 2024

ज़िंदगी_के_झरोखे_से

#ज़िंदगी_के_झरोखे_से 

#नेताजी यानी स्व मुलायम सिंह यादव जी ने एक दिन ये किस्सा सुनाया था । सुनाए तो बहुत से इस दिनों पर फिलहाल शुरुवात इस किस्से से ---

एक तथाकथित ईमानदार ,महान बड़े नेता है । उन्होंने प्राइवेट मेडिकल कालेजों द्वारा खूब आरती कबूल किया ।
एक दिन नेता जी ने पूछ लिया कि बहुत बदनामी हो रही है तुम्हारे कारण ।
साहब शाम को नेता जी से मिलने पहुंचे और थोडी देर में बात कर चले गए ।
नेता जी की निगाह उस साहब के सोफे के बगल में पड़ी तो वहा वो एक बैग छोड़ गए थे ।
नेता जी ने अपने पीए से पूछा तो पता लगा कि ईमानदार साहब छोड़ गए है आरती । 
नेता जी ने तुरंत बैग गाड़ी में रखवाया और पहुंच गए ईमानदार जी के घर और खूब लानत मलानत किया कि तुम्हारी इतनी हैसियत की मुझे खरीदोगे इत्यादि इत्यादि ।
और 
उसके बाद ईमानदार साहब ने ईमानदारी के जो जो गुर दिखाये वो तो दुनिया ने देखा ।
( किसी का नाम नही लिखा मैने पर नेता जी की इच्छा पूरी करने का प्रारम्भ भर किया है ) 
नाम लेना तो बिना पढ़े लिखे का काम है ।

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