बुधवार, 17 अप्रैल 2024

भगवती सिंह जी नही रहे

भगवती सिंह जी नही रहे 
आज मुलायम सिंह यादव जी के यहाँ से फ़ोन से दुखद खबर मिली कि ड़ा लोहिया के साथ काम किए हुए , लोकबंधु राज नारायण के सहयोगी रहे और मुलायम सिंह के साथी रहे मेरे लिए बड़े भाई सामान भगवती सिंह जी का आज निधन हो गया ।
मेरी उनसे पहली मुलाकात राज नारायणजी के साथ हुयी थी और फिर जनेश्वर जी के यहा तो होती ही रही ।90 के दशक मे इनके साथ पार्टी का प्रदेश महामंत्री रहने का सौभाग्य भी मिला जब मुलायम सिंह यादव जी मुख्यमंत्री और प्रदेश अध्यक्ष दोनो थे ।
भगवती सिंह जी कई बात मंत्री रहे , सांसद रहे पर उससे भी ज़्यादा उनको उनके संघर्षों के लिए याद किया जाएगा । जेल यात्रायें क्या गिना जाए उनके शरीर के हर हिस्से पर पड़ी पुलिस की लाठियों की चोट भी गिनना मुश्किल है । 
लखनऊ के बहुत ही लोकप्रिय नेता था भगवती सिह जी और पूरा जीवन बिलकुल बेदाग़ रहा ।
लखनऊ की बहुत ही महत्वपूर्ण संस्था चंद्र भान गुप्ता ट्रस्ट के लगातार अध्यक्ष रहे है भगवती सिंह जी जिसके स्कूल कालेज लाइब्रेरी इत्यादि है पर कभी किसी ने उनपर सवाल नही उठाया ।
उन्हें समझने के लिए एक घटना काफ़ी है जब लखनऊ में आयोजित एक प्रदर्शन के लिए मुझे प्रभारी बनाया गया था पर भगवती सिंह जी के होते मैं आगे रहता इसका सवाल ही कहा उठता था । वहाँ आयी मीडिया ने जब भगवती सिह जी से बात करना चाहा तो उन्होंने इनकार कर दिया और पास खड़े लोगों से पूछा सी पी राय कहा है , ये उनका काम है ,और मीडिया के लोगों से बोले की आप लोग सी पी राय से बात करिए । मुझे आवाज लगायी गयी और फिर साथ खड़े होकर बात हुयी । 
उनके संघर्षों को लिखने और उनका वर्णन करने के लिए कई किताबें लिखनी पड़ेगी ।
एक बार वो वन मंत्री थे ।मेरे साथ एक बहुत ही गरीब कार्यकर्ता रहता था जो बाद में तो कंधे पर चढ़ कर बहुत बड़ा आदमी हो गया उसके भाई के लिए मैंने आग्रह किया भगवती सिह जी ने थोड़े ही दिन में उसे गार्ड बना दिया । 
भगवती सिह जी ड़ा लोहिया की शायद आख़िरी कड़ी थे । वो ख़ुद में असली समाजवाद के चलते फिरते विश्व विद्यालय थे और उनके समाजवादी सोच और संघर्ष दिखता था ।वो ड़ा लोहिया के जेल फावड़ा वोट के सच्चे प्रतिनिधि थे ।
उन्होंने अपने आत्मसम्मान से कभी समझौता नही किया । एक बार हम दोनो एक ही समय पर मुलायम सिंह जी के घर पहुँचे । दोनो को ही वहाँ से फ़ोन आया था । पहुँचने पर बताया गया कि अभी मुलाक़ात नही हो पाएगी । भगवती सिंह जी ने जगजीवन से कहा की मुलायम सिंह ने ख़ुद फ़ोन किया था आने को ( मुलायम सिंह जी अक्सर अपने ख़ास लोगों को सीधे ख़ुद फ़ोन मिला लेते थे ) तो ठीक है मैं घर जा रहा हूँ उन्हें बता देना और मुझसे बोले आप चाहो तो इंतज़ार कर लो तब तक जगजीवन चाय पिलाएगा , और तुरंत वापस चले गए । 
पर पिछले सालो में नकली समाजवादियों ने उनकी बहुत उपेक्षा और बेक़दरी किया जो आज शायद नकली हमदर्दी जताने उनके घर अवश्य पहुँचेंगे ।
बड़े भाई भगवती सिंह की कमी पूरी नही की जा सकती है । आज अंतिम (सांकेतिक संस्कार होगा क्योकी उन्होने देह दांन कर दिया है ताकी उनके अंग शायद किसी के काम आये और शरीर चिकत्सा के छात्रो के पढ़ने के काम आये ) समय हाज़िर हो अंतिम दर्शन से तो वंचित रह गया हूँ पर शीघ्र उस घर हाज़िर होऊँगा जहाँ महत्वपूर्ण मंत्री रहने पर भी कभी आने के लिए पूछना नही पड़ा और इंतज़ार नही करना पड़ा । राज नारायण जी जनेश्वर मिश्रा जी ,रमाशंकर कौशिक,मोहन सिह और ब्रजभूषण तिवारी के बाद जहाँ मेरा सचमुच वाला आख़िरी शुभचितंक चला गया वही समाजवादी आंदोलन की सचमुच वाली आख़िरी मशाल भी बुझ गयी ।

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