एक पुरानी बात बहुत पुरानी
मैं विश्वविद्यालय में अपने विभाग जाने के लिए गाड़ी करता तो वही पेड़ के पास रोज एक नौजवान को खड़ा देखता और अक्सर लोगो से बात करते तथा अंदर बाहर आते जाते देखता ।
जानकारी मिली की ये डिग्री और मार्कशीट का धंधा करते है ।
फिर देखा की वो लोगो की और जनता की किस्मत लिखने लगे ।
वैसे किस्मत तो पहले भी लिखते थे लोगो की ।
जय बोलो बेईमान की जय बोलो ।
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