गुरुवार, 7 दिसंबर 2017

6 दिसंबर

कल ६ दिसंबर था  | कल ही बीजेपी ने संविधान को रौंदा था ,कल ही संविधान की शपथ को पैरो तले कुचला था ,कल ही देश के सर्वोच्च नयायालय को दिए गए हलफनामे को पैरो के नीचे कुचला था कल्याण सिंह ने जो आज राज्यपाल है | 
जी हाँ कल ही किया था ये सब बीजेपी ,आर एस एस और विश्व हिन्दू परिसद ने जो सभी मिल कर आज देश को उपदेश देकर उस दिन तक के लिए भ्रमित कर रहे है जब तक ये संविधान की किताब को फाड़ने लायक न हो जाए और गुरु गोलवलकर के सपने यानी हिटलर की राज्य व्यवस्था को कायम न कर सके | 
बस याद दिला रहा हूँ क्योकि जो समाज और देश कल को भूल जाता है या याद नहीं रखता उसे उसी कल के साथ बहुत बुरे समय से गुजरना होता है | 
बाकि जो है वो तो है ही |

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