क्रांति ,सामाजिक क्रांति ,सामाजिक परिवर्तन ,व्यवस्था परिवर्तन
इस देश की राजनीतिक व्यवस्था और राजनीती में
उस बच्चे की तरह है
जो भूखा किसी मिठाई की दुकान
या
रेस्टोरेन्ट के सामने खड़ा होता है
या
उस बच्चे के समान है
जो नंगा
किसी भव्य कपडे की दुकान के सामने खड़ा उसके शोकेस में सजे पुतलों को निहार रहा होता है ।
वैसे
जनता
या
राजनीतिक कार्यकर्ता
जाने दीजिए ये बात ।
इस देश की राजनीतिक व्यवस्था और राजनीती में
उस बच्चे की तरह है
जो भूखा किसी मिठाई की दुकान
या
रेस्टोरेन्ट के सामने खड़ा होता है
या
उस बच्चे के समान है
जो नंगा
किसी भव्य कपडे की दुकान के सामने खड़ा उसके शोकेस में सजे पुतलों को निहार रहा होता है ।
वैसे
जनता
या
राजनीतिक कार्यकर्ता
जाने दीजिए ये बात ।
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