गुरुवार, 7 दिसंबर 2017

वफादारी मे भी भेद

वैसे आपके लिए वफ़ादारी की परिभाषा क्या है हुजूर ? 
क्या सिर्फ खून के रिश्ते वाले वफादार होते है और बाकि सब गद्दार और शक के दायरे में ।
आप अपनों से कितने धोखे करते है ,कितने असत्य बोलते है और कितनो की जिंदगियां बर्बाद कर देते है पर वो सिर्फ हलकी फुलकी शिकायत कर आप के साथ खड़े रहते है ।
न गद्दारी करते है ,न विद्रोह और न आप का अपमान ।
आप उनकी शिकायत या सच को अपने अहंकार के खिलाफ मान उनसे किनारा कर ले ये अलग बात ।
पर जरा तथाकथित बिलकुल अपनों की ऐसी परीक्षा लेकर तो देखिये , अपनों में बटवारे के समय किसी तरफ झुक कर तो दिखाइए ,अपनों से अपने कमाये और दिए में से जरा सा वापस मांग कर तो दिखाइए या ऐसे ही थोड़ा सा अजमा कर तो देखिये दिन में ही तारे नज़र आ जायेंगे ।
आप ने उतना अपमान और उपेक्षा दुश्मनों से भी नहीं उम्मीद की होगी जितने आपके तथकथित अपने आप को दिखा देंगे ।
अब आप की मर्जी की अपने ऊपर पुनर्विचार करे और अपनी गलतियों पर या आप की मर्जी ।
अमेरिका में एक भाषण सुना की जितना प्यार आप को तथकथित खून वाले अपनों से होता हूं उतना ही तो जो आपने बनाया है उससे भी होता है और जिन लोगो ने इस यात्रा में मदद किया है उनसे भी ।
तो निर्णय करते हुए विचार इतने संकुचित क्यों ?
बस यूँ ही । आज के चिंतन से ।
राजनीती से इसका कोई सम्बन्ध नहीं ।

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