सोमवार, 24 जून 2013

सेकुलरिस्ट नमक शब्द का इजाद करने वाले [ शब्दों और नारों का इजाद एक संगठन का एकमात्र काम है ] राजनाथ सिंह जयपुर में अल्पसंख्यको की चिन्ताओ पर बात करने के बहाने क्या करने आये थे ? क्या भूलने की प्रार्थना कर रहे थे ? किससे और क्यों दिल जोड़ने आये थे ? जब वो अल्पसंख्यको को मक्खन लगा रहे थे तो क्या ये दक्षिणपंथी कृत्या था ? क्या ये सूडो सेकुलरिस्ट चरित्र नहीं था ? क्या ये फंसा कर हिटलर की तरह घेर कर मारने की साजिश तो नहीं थी ? मैंने कई सवाल किये है देखते है उनके जवाब वे कब और कहा देते है ।

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