मंगलवार, 11 जून 2013

भीष्म पितामह को शरशैया का कष्ट नजर आया ,दुर्योधन ने आँख दिखाया बोला द्रौपदी तेरी क्या लगती है ? बुरा लगे तो आँख फेर ले पर खबरदार गर कुछ बोले । भीष्म अब इन्तजार में है की कोई अर्जुन बाण मारे और उन्हें तारे । ये एक पुरानी कहानी है । कई बार कहानिया दोहराई जाती है । पर यहाँ इसका क्या मतलब ? समझने वाले समझ गए न समझे वो अनाड़ी ईईई हैं न्न्न्न्न्न्न्न । जय हिन्द ।

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