मंगलवार, 31 अगस्त 2010

देश को फिर से दंगे कि आग में झोकने कि साजिश शुरू हो गयी है .राम के नाम पर एक बार सत्ता का मजा चख चुके भाजपाई ,हिंदूवादी संगठन ,आर एस एस और तथाकथित साधू संतो ने फिर उस मजे को पाने के लिए कमर कस लिया है .कैसे दंगा करवाया जाये ,शांति के साथ तरक्की करते हुए मुल्क को कैसे फिर से मंदिर के नाम पर उकसाया जाये इसके लिए ये सारे संगठन मिल कर रणनीति बनाने में दिन रट एक किये हुए है .इनका भारत के संविधान और न्याय व्यवस्था पर अब विश्वाश नही रहा ,विश्वाश तों पहले भी नही था वरना पहले ही सर्वोच्च न्यायालय में शपथ देकर उसे नही तोड़ते और ना ही कानून अपने हाथ में लेकर इतना बड़ा दंगा करवाते जिसके कारण देश का दिल टूटा और देश आतंकवाद का शिकार हुआ ,पूरी दुनिया के सामने वसुधैव कुटुम्ब्कुम का नारा लगाने वाले भारत का सर दुनिया के सामने इन ताकतों के कारण झुक गया .बड़ी मुश्किल से फिर से देश प्रतिस्ठा के साथ एकता के साथ आगे बढ़ रहा है कि इन लीगो ने फिर से उसे दंगे कि आग में झोकने कि व्यवस्था करने के बारे में चिंतन करना और उस दिशा में तेजी से कम करना शुरू कर दिया है .इनके संगठनो में तैयारी होने लगी है कि अदालत का फैसला आने के बाद क्या क्या और किस किस तरह कि अफवाह उड़ानी है और पहले कैसेट थें अब बड़े पैमाने पर सीडी बन रही है जिसमे मारों काटो कि आवाजें और आ गए बचाओ कि आवाजें किसी कट्टर कि छत से बजाई जाएँगी .तमाम एस एम् एस भेजे जा रहे है इस आग्रह के साथ कि इसी लोग आगे तमाम लोगो को भेजें ,कोई ये ना कह दे कि छ साल तक भा जा पा कि सरकार थी मंदिर क्यों नही बनाया इसीलिए कट्टर ताकतों द्वारा उसकी बुराई कि जा रही है ठीक उसी तरह जैसे एक रणनीति के तहत उस वक्त भी अटल बिहारी वाजपेयी को अयोध्या से दिल्ली भेज दिया गया था कि एक चेहरा छोड़ दो कि अगर पूर्ण बहुमत ना आये तों उसके नाम पर लोगो कि मदद ली जा सके .

भारत को ,भारत के धर्मनिरपेक्ष लोगो को जागरूक लोगो को इस  मौके पर बड़ी भूमिका निभाने कि जरूरत है और समय से पहले ही यदि इनका पुराना चेहरा लोगो को फिर से याद दिला दिया जाये ,इनकी बाते और वादे तथा इनकी सरकार के कर्म याद दिला दिए जाये तथा लोगो को इनकी दंगे कि साजिश के बारे बता दिया जाये तों देश को झुलसने से बचाया जा सकता है और ये सबका रास्ट्रीय धर्म भी है .आइये देश को दंगाईयो  से बचाए .

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