आज #राष्ट्रपति जी के अभिभाषण पर जवाब देते हुये #प्रधान-मंत्री #मोदी जी के भाषण मे पिछ्ली 5 साल वाला #एरोगेंसी और #अहंकार नही था ।
महत्मा #गाँधी, #अम्बेडकर और डा #लोहिया का उन्होने जिक्र किया जो सुखद था ।
उन्होने #लोकतंत्र और #संविधान के प्रति भी #प्रतिबद्धता जाहिर किया ।
यदि ये #संघ के बदले सोच का परिणाम है तो सुखद है पर यदि यह रणनीतिक है तो हमारे जैसे लोगो के साथ देश भी इस पर निगाह रखेगा ।
समाज हो या सरकार, आगे तभी बढ़ सकते हैं, जब उनके पास सपने हों, वे सिद्धांतों कि कसौटी पर कसे हुए हो और उन सपनों को यथार्थ में बदलने का संकल्प हो| आजकल सपने रहे नहीं, सिद्धांतों से लगता है किसी का मतलब नहीं, फिर संकल्प कहाँ होगा ? चारों तरफ विश्वास का संकट दिखाई पड़ रहा है| ऐसे में आइये एक अभियान छेड़ें और लोगों को बताएं कि सपने बोलते हैं, सिद्धांत तौलते हैं और संकल्प राह खोलते हैं| हम झुकेंगे नहीं, रुकेंगे नहीं और कहेंगे, विजयी विश्व तिरंगा प्यारा, झंडा ऊँचा रहे हमारा|
मंगलवार, 25 जून 2019
आज मोदी जी का भाषण
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