गुरुवार, 22 जनवरी 2015

अभी अभी एक बड़े प्रतिष्ठित अख़बार के मेरे अच्छे मित्र पत्रकार ने बताया की उत्तर प्रदेश सरकार ने इस वर्ष की दिल्ली की 26 जनवरी परेड के लिए सामाजिक सौहार्द और विकास के एजेंडे पर अपनी झाकी बनाया था ।जो मुख्यमंत्री जी का संकल्प तथा कार्यक्रम है और जिस पर समाजवादी सरकार मजबूती से चल रही है ।
पर केंद्र सरकार ने इस झांकी पर एतराज कर दिया और दूसरी झांकी वाजिद अली शाह पर बनाने को कहा ।कोई प्रदेश अपनी प्रगति या उद्देश्य को दिखाने वाली क्या झांकी दिखाना चाहता है यह इसका अधिकार है और केंद्र को उसको रद्द करने का कोई अधिकार नहीं जब तक की वो झांकी संविधान या रास्त्रहित के खिलाफ न हो ।
यदि केंद्र सरकार ने ये किया है तो उसने देश के 22 करोड़ जनसंख्या का अपमान किया है और आर एस एस की सोच के दबाव का फैसला किया है ।
26 जनवरी की परेड की व्यवस्था केंद्र का रक्षा मंत्रालय करता है पर उसकी सलामी श्रीमान रास्त्रपति जी लेते है और रास्त्रपति पूरे देश तथा सभी प्रदेशो के होते है और यह परेड देश की समृद्धि और सोच तथा ताकत दिखाने के लिए होती है तथा सभी प्रदेश इसके भागीदार होते है ।
मैं केंद्र सरकार के इस कृत्या की घोर निंदा करता हूँ ।मैं तो इसके विरोध में अपना विरोध दर्ज जरूर करवाता और झांकी बदलने से इनकार कर देता ।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें