गुरुवार, 22 जनवरी 2015

केवल सात महीने में ही खुमार उतर गया और ये हाल ? 5 /5 फुट दूर कुर्सियां लगायी गयी और फिर भी पूरी दिल्ली बीजेपी तथा केंद्र सरकार 10 हजार लोगो को भी नहीं इकठ्ठा कर पायी रामलीला मैदान में अपने प्रधान प्रचारक के कुछ और पलटू भाषण सुनने के लिए ।और अहंकार ये कि वादे 2022 के ।
जब भाषण के अलाबा कुछ करना ही नहीं है तो 50 साल बाद तक के कुछ वादे करते जाओ ।
लगे रहो ।वैसे अच्छा कहा की जिसे जो आता हो जनता उसे वही काम सौंपे ।इस हिसाब से तो केवल भाषण देना जानने वाले को जनता ने एक बार गलत काम सौप दिया ।
ये भी ठीक कहा प्रधान प्रचारक जी की दिल्ली में झूठ ही चल रहा है ।अनजाने में ही सही स्वीकार तो कर ही लिया की देश की जनता से झूठ बोलकर दिल्ली चल रही है ।
पर बहुत अफ़सोस हुआ की बस इतना ही समर्थन बचा दिल्ली में ।जनता ऐसे ही जवाब देती है घमंड में चूर और 2021 का सपना पालने वालो ।पर मीडिया का कुछ भाग भीड़ दिखाने की तकनीक का आज भी इस्तेमाल कर रहा था पर कुछ कैमरों ने पोल खोल दिया ।

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