शनिवार, 18 मई 2013

महात्मा गाँधी जी को रास्त्रपिता घोषित करने सम्बन्धी मेरे याचिका माननीय उच्च न्यायालय ने इस आधार पर ख़ारिज कर दिया की मैंने भारत सरकार का वो जवाब मूल रूप में नहीं लगाया था जिसमे केंद्र सरकार ने कहा है की ऐसा कोई अभिलेख नहीं है की गाँधी जो को कभी रास्त्रपिता घोषित किया गया हो और ये भी कहा है की ऐसी किसी उपाधि का कोई नियम भी नहीं है ।मैं वो जवाब शीघ्र प्राप्त कर पुनः याचिका दाखिल करूँगा ।मैं अपनी मुहीम को परिणाम तक पहुंचा कर रहूँगा ।ये मेरा संकल्प है ।
इसके आलावा भारत सरकार ने ये भी जवाब दिया है एक आर टी आई का की भगत सिंह इत्यादी स्वतंत्रता के श्रेणी में नहीं है । ये जवाब भी मिलते ही इस पर भी मेरी याचिका होगी की वैसे ही जेल में बंद लोग स्वतंत्रतता सेनानी हो गए और 23 साल में शहादत देने वाले भगत सिंह और उनके साथी नहीं है । नेता जी सुभाष चन्द्र बोष की क्या स्थिति है सरकारी कागजो में ये भी देखना होगा और कोंग्रेस ने आजादी के बाद इन लोगो के साथ क्या सलूक किया ये देश को जानना चाहिए ।

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