गुरुवार, 23 सितंबर 2010

चेहरे नही इंसान पढ़े जाते है ,मजहब नही ईमान पढ़े जाते है |भारत ही ऐसा देश है जहा एक साथ ,गीता और कुरान पढ़े जाते है |इन्होने हमारी एकता को नही तोडा है .अतः हमें एक साथ खड़ा रहना होगा ,ना मस्जिद ना मंदिर ,बस एक देश भारत और हम भारतीय |

1 टिप्पणी:

  1. अच्छी पंक्तिया ........

    इसे पढ़े, जरुर पसंद आएगा :-
    (क्या अब भी जिन्न - भुत प्रेतों में विश्वास करते है ?)
    http://thodamuskurakardekho.blogspot.com/2010/09/blog-post_23.html

    जवाब देंहटाएं