शनिवार, 21 नवंबर 2020

धर्मस्थल और आस्थाए

जब #धर्मस्थल गिने चुने थे और बहुत दूर दूर दुर्गम स्थानो पर थे तो #आस्थाए भी सच्ची थी और ईश्वर का भय भी 
पर जब से धर्मस्थल सड़को गालियो और चौराहो पर आ गये आस्थाए और ईश्वर का भय भी गली चौराहे पर भटक रहे है ।

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