शुक्रवार, 20 नवंबर 2020

पता नही कितने लोग मरते

#जिंदगी_के_झरोखे_से

#पता_नही_कितने_लोग_मरे_होते 

हमारी सरकार थी और मुलायम सिंह यादव मुख्यमंत्री थे ।सरकार के खिलाफ दिल्ली से गली तक विपक्ष मुखर था । कुछ मामलो को लेकर मुलायम सिंह यादव जी ने उत्तर प्रदेश बंद का आह्वान कर दिया , जिससे मैं पूरी तरह असहमत था और मैने उनसे विरोध भी व्यक्त किया कि हमारी सत्ता है प्रदेश मे और हम ही बंद काल करे इसका क्या मतलब ? अगर लोगो से लड़ना ही है तो लखनऊ या दिल्ली मे रैली के द्वारा अपना संदेश दिया जा सकता है ।मेरा एतराज इसलिए भी था की हम लोगो जैसी सभी पार्टिया प्रशिक्षित संगठन वाली नही है बल्की भीड वाली है और भीड अनियंत्रित होकर कुछ भी कर सकती है ।
मुख्यमंत्री नही माने और एलान हो गया । 
पार्टी पदाधिकारी होने के कारण मुझे उसे सफल भी करना था और दूसरी तरफ मेरी कोशिश थी की मेरे जिले तो सब शान्ती से हो जाये ।इसके लिए मैने संगठन की बैठक कर काम बाटा एक मेटाडोर पर माइक लगाकर शहर भर मे छोटी छोटी नुक्कड़ सभाए कर और व्यक्तिगत रूप से बाजार कमेटियो के लोगो से बात कर सहयोग भी मांगा । 
बंद के लिए काफी जगह बंद किया लोगो ने लेकिन आरएसएस और भाजपा के लोगो की दुकाने पूरे शहर मे खुली रही । अन्य शहरो मे तो नारा लगा था कि बंद दुकान तुम्हारी और खुली दुकान हमारी और इस नारे के साथ जो जो हुआ उससे सरकार और पार्टी बदनाम हुयी , यहा तक की इलाहबाद मे हाई कोर्ट की घटना ने हमारे चेहरे पर कालिख पोत हमे पूरे देश मे बदनाम भी किया और न्यायालय ने भी हम लोगो पर कड़ा रुख अपनाया ।
पर मेरा मानना था की अपील करना हमारा काम , अपना मुद्दा समझाना हमारा काम और साथ देना या ना देना लोगो का अधिकार है इसलिए उस दिन मैं घर पर ही बैठा था । तुलसीराम यादव सहित कुछ लोग मेरे घर पर मौजूद थे और हम लोग जगह जगह से पता लगा रहे थे की बंद कितना सफल है । पार्टी मे कुछ लोग अति उत्साही थी उनको लेकर मेरा मन शंकित था और मैने घर पर मौजूद लोगो से कहा भी मुझे लग रहा है कि आज फला फला लोग कही घायल न हो जाये अपने कारणो से ।
तब तक तो फ़ोन आया एक कार्यकर्ता का कि फला फला लोगो की भाजपा के लोगो ने बहुत पिटायी कर दिया है और वो लोग जिला अस्पताल ले जाये गये है ।
तुरंत मैने गाडी मे सभी मौजूद लोगो को बैठाया और अस्पताल पहुचा और उन लोगो से घटना की जानकारी लिया और मेरा सोचा ही सच हुआ था ,ये लोग भाजपा और आरएसएस का गढ माने जाने वाले बेलनगंज और रावतपाडा मे जबर्दस्ती दुकाने बंद कराने पहुचे थे और सत्ता के नशे मे थे ।डाक्टर लोगो से इन लोगो के समुचित इलाज की बात किया और प्रशासन से मुकदमा कायम करने के बारे मे बात किया ।
तब तक खबर आयी की पार्टी के लोग किले के पास अम्बेडकर मैदान मे एकत्र हो रहे है तो हम लोग भी उधर के लिए निकल लिए ।
वहा पहुचे तो देखा की अच्छी खासी भीड आ चुकी है और नारे लगाते लोग चले आ रहे है ।
आगरा मे जामा मस्जिद से लेकर कलक्ट्री तक घना मुस्लिम इलाका है और जामा मस्जिद के बाद पूरा हिन्दू बाजार । ताजमहल के आगे बरौली अहीर क्षेत्र पूरा यादव लोगो का है ।उधर ये खबर पहुची की सपाइयो पर हमला हो गया है तो उधर से गाँव के इलाके के लोग जिसको जो सवारी मिली उसी से चल दिया अम्बेडकर पार्क की तरफ और शहर से भी लोग वहा आने लगे । एक दिन पहले अम्बेडकर पार्क मे कोई कार्यक्रम हुआ था तो उसका पंडाल और मंच अभी मौजूद था ।
इन्दौर के पूर्व सांसद कल्याण जैन आगरा मे थे तो वो भी वहाँ पहुच गये ।मुस्लिम समाज के बहुत ही लोकप्रिय नेता हाजी इस्लाम कुरेशी आ गये । आसपास के इलाके मे भी खबर हो गई थी की सपाई इकट्ठे हो रहे है और शायद बाजारो पर हमला कर दे तो पास के बाजारो मे लोगो ने मोर्चाबंदी कर लिया था और ईंट पत्थर के साथ अन्य हथियार लेकर लोग छतो पर जम गये थे और ये बात उधर से आये हुये एक कार्यकर्ता ने मुझे कान मे बता दिया था की माहौल बहुत खराब है ।
मंच से गर्मा गर्म भाषण शुरू हो गये ।भीड जोश मे थी और अनियंत्रित होती जा रही थी तभी हाजी साहब जो सुलझे हुये इन्सांन थे पर उनको पता नही क्या सूझा की उन्होने कह दिया की चलो रावतपाडा और बेलनगंज और आज हिसाब हो ही जाये । भीड हमेशा ऐसी ही बाते पसंद करती है ,ये भीड का मनोविज्ञान होता है ।
मुझे झटका लगा और मैं मंच पर चढ़ गया और जोर से मुलायम सिंह जिन्दाबाद का नारा लगाने लगा जिसमे सारी भीड शामिल हो गई ।
फिर मैने सीधे एक सवाल किया कि क्या आप लोग मुलायम सिंह को कल्याण सिंह बनाना चाहते हो जिन्होने सर्वोच्च न्यायालय में हलफ़नामा देकर भी अयोध्या मे इमारत गिरवा दिया ? हमारी सरकार है और हम एक एक बूद खून का हिसाब करेंगे पर दंगा कर के नही कानून का इस्तेमाल कर के , और मैने थोडा लम्बा भाषण दिया ।जब समझ लिया कि अब जो चाहे करवा सकता हूँ (वैसे भी आम आदमी और आम कार्यकर्ताओ का स्नेह और सम्मान मुझे हमेशा मिला) तब मैने आह्वान कर दिया की हमारा जुलुस रावतपाडा और बेलनगंज नही बल्की कलक्ट्री जायेगा और उसका रास्ता वही तय किया जो पूरा मुस्लिम क्षेत्र मे होकर जाता था और ये भी एलान किया कि यदि 24 घंटे मे सभी हमलावर गिरफ्तार नही हुआ तो अगला जुलुस उन इलाको मे जायेगा जहा मार पीट हुयी ।
बस मैं मंच से उतरा और नारा लगाता हुआ अपने निर्धारित रास्ते पर चल दिया और पीछे पीछे पूरी भीड जिसमे कुछ लोगो ने फिर भी कोशिश किया की भीड दूसरी तरफ मुड़ जाये पर अब वो भीड मेरे असर मे थी ।इस बीच इंटेलीजेंस और पुलिस के लोग भी आ गये थे और मैने उनसे प्रशासन को खबर करवा दिया की सारी भीड आ रही है और अधिकारी वहा मौजूद रहे बात सुनने और अपनी बात कहने के लिए ।
हम लोग कलक्ट्री पहुचे वहा फिर मौने कार्यकर्ताओ के मन वाला जोशीला भाषण दिया और प्रशासन को खूब सुनाया भी ।प्रशासन ने तुरंत सख्त कार्यवाही का आश्वासन दिया तब मैने हाथ जोड़ कर सबको घर जाने और 24 घन्टा समय देने के लिए कहा और लोग शान्ती से अपने घर चले गये ।
बाद मे डी एम और एस एस पी ने मुझे धन्यवाद दिया और बताया की आज कितनी बडी घटना होने से मैने बचा लिया वर्ना पता नही कितने लोग मरते और पूरा शहर दंगे की चपेट मे आ जाता और पुलिस को भी दंगा रोकने को सब कुछ करना पडता सामने चाहे जो भी होता ।
खुद को संतुष्टी मिलती है जब आप कुछ सार्थक और अच्छा कर देते है ।
क्या पाया क्या खोया ये एक तरफ है पर आप ने क्या किया ये भाव आप को सुकून देता है ,अच्छी नीद देता और अपने ऊपर मुस्कराने की हिम्मत देता है ।

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