सोमवार, 23 मार्च 2015

हमेशा उंच नीच की खाई और गैरबराबरी के खिलाफ लडाई और सिद्धांत की बात करने वाले सत्ता में आते ही खुद बड़ी से खायी क्यों बना देते है और बहुत बड़े और बिलकुल छोटे वाली गैरबराबरी क्यों पैदा कर देते है तथा जो पहले से ही बड़े है उन्हें और बड़ा बनाने में क्यों लग जाते है ?
संघर्ष और सत्ता के चरित्र में ये अंतर क्यों होता है ?

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