शुक्रवार, 13 फ़रवरी 2015

अमेरिकी रास्त्रपति पूरी तैयारी कर के आये थे और तय कर के आये थे की भारत के वर्तमान सत्ताधीशो को लोकतंत्र तथा विकास के रस्ते के बारे में बताएँगे और उन्होंने बता भी दिता की --१- गाँधी की धरती और विवेकानंद के देश में आकर वो खुश है | -२- यदि भारत धार्मिक आधार पर नहीं उलझा और बंटा तो सचमुच बहुत तरक्की करेगा तथा यहाँ की बहुलतावाद को भी इंगित किया | गाँधी और विवेकानंद के विचार तो इनके बिलकुल पलट है जो नागपुर का राज्य स्थापित करना चाहते है |
बहुत दिक्कत हो गयी ये तो और सारा स्वागत का मज़ा किरकिरा हो गया क्योकि संघ की सरकार तो जो करना चाहती है और उसका भविष्य का एजेंडा है उसी की बुराई और उसी पर उपदेश दे दिया बराक ओबामा ने |
अब देखे अगले कुछ दिन में क्या दिखता है |

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