मंगलवार, 19 अगस्त 2014

शपथ ग्रहण समारोह में खिलाई गयी चिकेन बिरयानी और भेंट में दी शाल और साडी लगातार असर दिखा रही है | उस निमंत्रण को भाई लोगो ने कितने अहंकार से देश के सामने उपलब्धि के रूप में परोसा था |
पर देश धोखा न खाए अकेले में हुयी वार्ता में मोदी जी और नवाज जी में तय हो गया था की दोनों लगातार एक दूसरे की सरकार को बचाते रहेंगे जैसे भी जरूरत होगी वो हॉटलाइन पर चर्चा होकर फैसला होता रहेगा |
हो सकता है की अगले लोकसभा चुनाव से ठीक पहले एक छोटा सा युद्ध नुमा भी कुछ हो जाये | ये फैसला तो वक्त और सरकार की प्रतिष्ठा के हिसाब से होगा |

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