एक विदेशी भारत आया .वापस जाते हुए मुझे मिला |.मैंने पूछा मेरा हिंदुस्तान कैसा लगा ?वो बोला बहुत अच्छा; बहुत पुराना तथा गौरवशाली इतिहास है, हिंदुस्तान का, लेकिन कोई हिन्दुस्तानी नहीं मिल पाया |.मै नाराज हुआ ऐसा कैसे हो सकता है ,कौन मिला ? ओ बोला कश्मीर में कश्मीरी ,महारास्ट्र में मराठी ,बंगाल में बंगाली ,बिहार में बिहारी और इसके बाद सिख ,बौध ,जैन और फिर पंडित ठाकुर ,पिछड़े ,दलित और फिर उसमे भी पता नहीं क्या क्या और उसके आगे भी पता नहीं क्या क्या ;;बस कोई हिन्दुस्तानी नहीं मिला |;ये मजाक हो सकता है, लेकिन है बड़ा दर्दनाक मजाक और इसके लिए जिम्मेदार हम सब है उसके बाद , हमारी शह पाकर इन चीजो की राजनीति करने वाले नेता है |.हम हिदुस्तानी कब बनेगे ? जाति धर्म की सस्ती लड़ाइया छोड़ कर हम केवल हिन्दुस्तानी कहलाने तथा इसी रूप में पह्चाने जाने की लड़ाई कब शुरू करेंगे ?आइये उस विदेशी को कल नहीं आज ही जवाब दे और आज और अभी ये लड़ाई शुरू करे .हम सब एक सौ बीस करोड़ साथी आ रहे है ना इस लड़ाई में एक साथ .जो रोके उसे सामने से हटा दो ,अब इन बुराइयों का नामों निशान मिटा दो .जय हिंद .
It is too meaningful n great thought.
जवाब देंहटाएंAnd i want to be with you on this treatment of INDIA.
and you know somthing, i am an INDIAN.