#राजनीतिक_दल कोई भी रहे हो
पर पहले वो अपने संविधान और अच्छे बुरे विचारो और कुछ वैचारिक पुस्तको से, संगठन और कार्यकर्ताओ से चलते थे
पर
अब तो आयकर ,ई डी और सुपारी मीडिया , विदेशी सलाहकार और पी आर एजेन्सियाँ इत्यादि उनका मार्ग निर्धारित कर रहे है और चला रहे है ।
क्या होगा देश का और लोकतंत्र का ?
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