बुधवार, 5 अप्रैल 2017

आखिर आतंकवादी कब हो गया मुसलमान

मुसलमान हमारा कवी और शायर था , मुसलमान भक्तिकाल का गायक था ,मुसलमान कबीर भी और नजीर भी , मुसलमान सेनापति और जर्नल था , मुसलमान आज़ादी की लड़ाई का सिपाही और सेनापति था , मुसलमान कभी बहादुर शाह जफर , कभी जर्नल शाहनवाज था , मुसलमान अशफाक तो  ब्रिगेडियर उस्मान था तो अब्दुल हमीद और हनीफ था , मुसलमान मुहम्मद रफ़ी तो दिलीप कुमार ,सलमान तो आमिर , मुसलमान गांव में एक होकर भी गांव की जरूरत था , मुसलमान हमारे लिए बनारस में साड़ी तो फ़िरोज़ाबाद में चूड़ी बनाता था , मुसलमान कभी जाकिर हुसैन और अबुल कलाम आज़ाद था तो डॉ कलाम भी , मुसलमान हमारी गाड़ी बनाता भी है और चलाता भी । दिन भर मेहनत से जूझता और मुल्क की तरक्की और अपनी जरूरत के लिए लड़ता मुसलमान , पंचर जोड़ता तो मिस्त्री और फिटर मुसलमान , कही बिरयानी कही कवाब तो कही मुगलाई बना कर खिलाता मुसलमान । गलत काम करने वाले बेटे की लाश ठुकराता मुसलमान ।
आखिर आतंकवादी कब हो गया ? और
सारे 15 करोड़ हो गए क्या ?

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