मंगलवार, 1 सितंबर 2015

आर एस एस पूरी तरह मौका पाते ही अपने भविष्य की रणनीति पर लग गया है ।

जहा बाकी दल कुछ लोगो या जातियो के चक्कर में पड़े है संघ लोकतंत्र के हर खम्भे में अपने लोगों को भेजने ने लगा है ।

1977 में मीडिया में अपने लोगो को घुसाया तो आज पूरा मिडिया संघी हो गया ।

राज्यपाल से कुलपति तक और शिक्षा नीति निर्धारक  से शिक्षक तक बनाया तो वहां पौधशाला तैयार हो गयी ।

सरकार बनाते ही सभी मंत्रियो को जबरन ओ एस डी से लेकर ए पी एस तक संघ के स्वयं सेवक थमा दिए गए तो इतिहास ,संस्कृति और साहित्य से लेकर शिक्षा और फ़िल्म तक संघी बैठाये जा रहे है ।

अब नयी बात पता लगी -

संघ ने कोचिंग खोल दिया है संकल्प के नाम से जहा आई ए एस से लेकर हर तरह के नौकरशाह तैयार किये जा रहे है ,जज तैयार किये जा रहे है ।

और

शारीरिक मेहनत के साथ तैयारी करवा कर संघी फ़ौज की तीनो शाखाओ और पुलिस में जहा संभव है भेजे जा रहे है ।

वाकी नेता और दल केवल देश बचाने का भाषण दे रहे है और फासीवाद अपनी जडे ज़माने में पूरी ताकत से लगा है।

मैं तो लोकतंत्र का चौकिदार हूँ इसलिए आवाज लगा दे रहा हूँ की जागते रहो ।

जागो या मत जागो आप की मर्जी ।

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