शनिवार, 17 सितंबर 2011

चीन की धमकियों और बार बार किये जाने वाले अतिक्रमण पर हम क्या करें ? अगर कुछ मजबूत फैसला करे तो क्या सभी देशवासी तैयार है ?क्या मीडिया देश को देश के लिए स्वतंत्र रूप से कुछ करने देगा ? क्या सत्ता लोलुप ताकतें इसमें राजनीती नही करेंगी ? क्या तथाकथित बुद्धिजीवी इसे आलोचना से बख्श देंगे ? क्या जनता देश के लिए किसी भी क़ुरबानी के लिए तैयार है ?

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