शुक्रवार, 6 जून 2014

मुझे पता नहीं क्यों हिटलर के कदमो की आहट सुनाई दे रही है | मैं काफी समय पहले से हिटलर के बारे में लिखता और देश को आगाह करता रहा हूँ और कोई खास वर्ग और विचारधारा मुझ पर लगातार आक्रामक रही |
कैबिनेट मंत्री शून्य ,संगठन शून्य , राज्यमंत्री और सभी सचिव सब सीधे रिपोर्ट करे |सांसद हिलने की भी हिम्मत न करे बिना पूछे |
देश ,देश के बुद्धिजीवी ,संविधानविद ,कानूनविद और सभी जागरूक लोग मेरी बातो को ध्यान से पढ़े और ध्यान रखे |
सैकड़ो सालो की गुलामी के बाद बहुत मुश्किल से मिली है ये आजादी लाखो की शहादत के बाद और बहुत बहुमूल्य है हमारा संविधान और लोकतंत्र | जिस दिन अभिनय शुरू हुआ था संसद के आदर का ,,भावना प्रधान होने का और विनम्र होने का तभी से मुझे कुछ खटक रहा था |

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