बुधवार, 20 मार्च 2013

अथ बेनी कथा सम्पन्न्तः

अरे बेनिया तो बहुत ही चर्चा में हुई गवा । कौनो नहीं पूछ रहा था वोका पर केहू को ढंग से बस गरिया दिया और चारो ओर वाही की बात हुई रही है । कुल अखबार में वोका तमाम जगह मिल गयी जो जिनगी में नहीं मिली थी । कुल टी वी वाले अपना धंधा पानी का खियाल किये बिना बेनिया ,बेनिया ही रट रहे है और तमाम चेहरा चमकाऊ लोगन को बुला बुला ,घेर घेर कर बस बेनिया बेनिया ही बतिया रहे है । बस यही बात नहीं हुई रही है खुल कर की बेनिया का बोल ,चर्चा केवल उकी भाषा और गाली की हुई रही है ।
वह रे बेनिया तू तो बड़ा ही तेज निकला ,खूब दाव चला और सबकी निगाह में आ गया । वर्ना चुपचाप धंधा पानी में बीजी था । कभी कभी बात तो हुई बेनिया के बारे में पर या तो धंधा और घोटाले की हुई या फिर जुबान फिसलने की हुयी । इस ससुर जुबान हुई की पोखरी या नल किनारे की कई हो गयी की जब चाहो फिसल जाओ । खैर बेनिया  को फिसलने से कौनो फर्क नहीं पड़ता ।जौन  ससुर को पड़े वो नाला और पोखरी के किनारे न जाये और बेनिया फिसल गया तो आंख बंद कर ले ।
पर बेनिया चर्चा में खूब है बस यही चर्चा है । हम जैसे लोग तो जल भुन कर खाक हुई गए है की आखिर हमारी जुबान कहे नहीं फिसलती है और हमार दिमाग बेनिया की तरह काम कहे नहीं करता है की कब फिसल जाएँ पूरा नंगा होकर की खूब फोटो छपे और खूब चर्चा हुई जाये । धिक्कार है ऐसे सभी हम जैसन को जो चर्चा में आना नहीं जानते । वैसे बेनिया से पूछेंगे जरूर की यार कोई कोचिंग कहे नहीं खोल लेते जुबान फिसलने की सही टाइमिंग और सही शब्द का इस्तेमाल करने की । वैसे तुम्हारी बोली भाषा थोड़ी क्लिस्ट है तो शब्दार्थ ,भावार्थ की एक कुंजी भी छाप दो बहुत धंधा होगा । ये भी खूब विचार आ गया हम जैसे अज्ञानी के दिमाग में की गाली और सही समय दी गयी गाली और उसकी कुंजी से भी धंधा हो सकता है ।
पर बेनिया दोस्त हमारी राय को हम पर ही मत अजमा देना । हम बहुत कमजोर है सदमे से मर जायेंगे । वैसे हमें अभी याद आया की एक दिन हम अस्पताल में थे तो तुम्हारा एक फोन आया था किसी माँ को ऐसी ही गाली देते हुए तुमने उसके लडके को भी कुछ कुत्ता पिल्ला टाइप कहा था । खैर तुम महान हो और दुनिया के सारे अज्ञानी और गली तथा उसकी टाइमिंग नहीं जानने वाले तुम्हे सलाम करते है । और ऐसे अपने बेनिया की कथा को हम आज भरे मन से आज इतने पर ही विराम देते है क्योकि ज्यादा कह देंगे तो बहुत भावुक हुई जायेंगे और बेनिया के दोस्त भावुक हो इ अच्छा थोड़े लगेगा ।भावुकता तो इंसानों में होती है और इंसान न्न्न्न्न्न्न्न
।नहीं बिलकुल नहीं । अथ बेनी कथा सम्पन्न्तः ।

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