गुरुवार, 1 नवंबर 2012

क्यों कुछ लोग ऐसे होते है

क्यों कुछ लोग ऐसे होते है की उन पर विश्वास करें या नहीं करें कुछ समझ में नहीं आता है । पर इसके लिए जिम्मेदार भी तो वही होते है, अपने अनिर्णय के कारण और कभी कह कर मुकरने के कारण । क्यों कुछ लोग होते है जिनके लिए कभी बहुत सम्मान पैदा होता है मन में पर दूसरे ही पल घृणा होने लगती है उनसे । जब कोई ऐसी स्थिति से लगातार गुजर रहा हो तो कैसी उथल पुथल भरी होती है उसकी जन्दगी में ,उसके मन में और उसके खून के कतरे कतरे में ।
कुछ लोग बहुत बड़े हो जाते है लोगो को इस्तेमाल कर और सीढियां बना कर ,तमाम लोगो के साथ फरेब कर ,तमाम लोगो के साथ कसाई बन कर उसकी उम्मीदों उसके भविष्य और उसके दिल पर छुरियां चला कर बार बार । न जाने कितनो की क़ुरबानी होने और उनकी जिंदगियों को मिटा कर और उन्हें पावडे बना कर उसे खूबसूरत कालीन समझ उस पर चल कर बुलंदियां पाते है ये लोग । घायल कितने पड़े है पीछे उन्हें वैसे ही भूल जाते जाते है जैसे चलते हाथी को पता ही नहीं होता की कितने कीड़े मकोड़े शहीद हो गए उसके पैरों के नीचे । सच है ऐसे लोगो को लोग कीड़े मकोड़े से ज्यादा महसूस ही नहीं होते कभी भी ।
ये किसकी कहानी है क्या बताऊ । ऐसी तमाम कहानियां बिखरी पड़ी है चारो तरफ और ऐसे चरित्र कोई कहानी के काल्पनिक पात्र नहीं बल्कि चारो तरफ फैले हुए । इनके शिकार भी भरे हुए है चारो तरफ । नाम लेना जरूरी नहीं है और ऐसे लोग नाम नही बस बड़े होते है और हजारो साल पहले ही किसी ने कह दिया था की ; समरथ को नहीं दोष गुसाई ;। बाकी लोगो के भी नाम नहीं बस वे इस्तेमाल होने और गर्त में खो जाने वाले कीड़े मकोड़े है ।
ऐसा मंथन सचमुच समुद्र मंथन से कम नहीं होता है । समुद्र मंथन में तो विष निकला था तो अमृत के साथ बहुत सी अच्छी चीजें भी निकली थी ,पर इस समुद्र मंथन में तो केवल विष ही निकलना है और निकल भी रहा है ।
इस विष की कहानी से दूर बड़े मस्त है अपने वैभव ,अपनी आभा ,अपनी सत्ता और अपने गुरूर में । उन्हें परवाह ही नहीं  है की कोई जीए या मरे । कोई  रहे या न रहे । कोई अपमानित हो या सम्मानित । उन्हें तो बस अपनी और अपनों की चिंता है और चिंता है लाखो साल आगे तक की सत्ता और वैभव की । पता नहीं इन्हें राम ,कृष्ण ,बुद्ध ,महावीर ,नानक ,ईशा ,रावण ,कंस ,जदीज और तमाम राजाओं ,नवाबो की उठती और डूबती जिंदगियो से कुछ सीखने को मिला है या नहीं । पता नहीं दुनिया के सिद्धांतो से ऊपर उठकर इन्हें अमरत्व मिल गया है क्या ? क्या इन्हें कोई वरदान मिल गया है की ये और इनके अपने लाखो साल तक सत्ता और वैभव भोगेंगे ,बिना किसी बीमारी के ,बिना किसी पतन के । इन्हें ये अमरत्व मुबारक ,इन्हें ये वैभव मुबारक ,इन्हें ये सत्ता मुबारक ,इन्हें लोगो की हत्या मुबारक ,इन्हें लोगो को दिए धोखे मुबारक ,इन्हें आगे भी इनके हाथ से चलने वाली छुरियां मुबारक ,इन्हें इनकी चालबाजियां मुबारक । ये कौन है ---- ये मै क्यों बताऊँ ? आप सभी आँखें खोलिए और देख लीजिये ऐसे किसी एक को या बहुतों को । आप को ये ज्ञान मुबारक जो आप को ऐसे लोगो से बचा सके ।

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