मंगलवार, 16 जुलाई 2024

अन्ना आंदोलन

अन्ना तो अकेले थे और साधनविहीन भी थे पर कुछ दिखने वाले और कुछ न दिखाई देने वाली ताकतों ने पहले खुद भीड़ जुटाया और फिर विभिन्न माद्यमों से प्रचार कर ऐसे भी तमाम लोगों को जो या तो खुद परेशान है या परेशान तो नहीं है पर जब भी कुछ इवेन्ट होता दिखता है तो वे सभी में भाग लेना फैशन समझते है ,वे भी जो भ्रस्ताचार में लिप्त है ,सारी तरह के भ्रस्ताचार में और वे भी जिनका परिवार भ्रस्ट है ,वकील ,कर्मचारी .व्यापारी इत्यादि सभी को सड़क पर कामयाब हो गए | माहौल तो एक बार गरमा ही दिया है, इससे इंकार नहीं किया जा सकता | पहले भी ऐसें माहौल को देश ने देखा है पर तब से पीढ़ी बदल गयी और देश के लोगो की याददाश्त भी कमजोर है |इसलिए देश के कुछ लोगो को ये लगना की कोई बड़ा परिवर्तन करने जा रहा है यह दिशाहीन और पैसे वालो जिन्होंने बेईमानी से ही पैसा कमाया है उनके पैसे से चलने वाला ये आन्दोलन कोई बड़ी बात नहीं है|                       
लेकिन ये तो सभी को सोचना ही पड़ेगा कि क्या कानून से ही भ्रस्ताचार ख़त्म हो जायेगा ?अगर ऐसा है तो सारे अपराधों के लिए कड़े कानून बने है तो क्या अपराध ख़त्म हो गए ?क्या महिला उत्पीडन कानून बनाने से उत्पीडन ख़त्म हो गए ?अगर ऐसा है तो सर्वोच्च न्यायालय को इस मामले में तुरंत गिरफ़्तारी ना करने और ये कहने की जरूरत क्यों पड़ी कि इससे परिवार टूट रहे है अतः पहले लोगो को मिलाने की कोशिश की जाये | लोगो को मिलाना तो कानून का नहीं बल्कि समाज का और मनोवैज्ञानिकों का काम है| इसी तरह हरिजन सुरक्षा कानून जिसे एससी ,एसटी कानून कहा जाता है उसने भी इस वर्ग की नहीं किया बल्कि इस कानून का भी ९५% दुरूपयोग अपनी दुश्मनी निकालने में किया गया और ये कानून भी अपने मकसद के बजाय इस वर्ग को समाज के अन्य वर्गों से तोड़ने वाला साबित हुआ |ऐसा बहुत से कानूनों के बारे में कहा जा सकता है |
               एक सवाल ये भी है कि क्या जनता को केवल सरकारी दफ्तरों से ही रोज काम पड़ता है?और यही लोग केवल बेईमान है बाकि लोग जिनसे आम जनता को काम पड़ता है वे सब इमानदार और समाज तथा देश भक्त है ?क्या अध्यापक इमानदार है ? क्या डॉक्टर इमानदार है?क्या वकील इमानदार है?क्या स्कूल कालेज चलाने वाले इमानदार है? क्या एन जी ओ इमानदार है ? क्या धर्मगुरु और उनके संगठन इमानदार है ? और जिनसे जनता सबसे ज्यादा पीड़ित है वे उत्पादक और व्यवसाई वे जमीन ,मकान ,दूध, सब्जी ,कपडा ,या किसी भी चीज का हो जो जनता को चाहिए वे इमानदार है ?ये मतलब बिलकुल नहीं है कि सरकारी लोग या नेता गलत है तो उन्हें नहीं पकड़ा जाये ,वे किसी कानून दायरे में नहीं आये बल्कि जिनसे जनता का कोई भी काम पड़ता है और वहा पैसे का कोई लेन देन होता है ,वे सभी इन कड़े कानूनों के दायरे में लाये जाये |                                      जब अन्ना जी देश में इतने लोकप्रिय हो गए है समाचार माध्यमों के अनुसार पूरा देश उनके साथ आ गया है और सड़क पर आ गया है और भ्रस्ताचार को ख़त्म करने को कोई भी क़ुरबानी देने को तैयार है तो कानून बनाने से जो काम नहीं हो सकता अन्ना वो चमत्कार कर सकते है अपनी लोकप्रियता और जनता कि भ्रस्ताचार ख़त्म करने कि इस परम इच्छा इच्छा के कारण | ज्यादा कुछ नहीं करना है बस पूरे देश इस आन्दोलन का साथ देने वालो को कसम खिलाना है रोज सुबह कि १-इस आन्दोलन का साथ देने वाले सभी आज से घूस न लेंगे न देंगे ,कोई भी गलत काम न करेंगे न करने देंगे ,     
      

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