सोमवार, 15 नवंबर 2010

क्या सचमुच संघ आतंकवादी और समाजद्रोही लोगो से भरा है ? 2

दोस्तों आप में से कोई भी मेरे उठाये पश्नो का जवाब नहीं दे रहा है | केवल अपनी शाखा में सुना ही बोले जा रहे है | आँखे खोलिए ,दुनिया बहुत आगे जा रही है |१.क्या संघ का और हिटलर का सोच एक ही नहीं है की हम सर्वश्रेष्ठ है और सब पर हमारा राज होना चाहिए ? 2 क्या संघ का निशान और हिटलर का निशान स्वस्तिक नहीं है ? ३ क्या हिटलर और संघ दोनों की टोपी काली नहीं है जबकि भारत का शुभ निशान ॐ है और सर पर काला कपडा रखना अच्छा नहीं माना जाता | ४ क्या संघ के लोग गाय के चमड़े की बेल्ट और जूते नहीं पहनते ? कैसे पता लगता है की ओ गाय के चमड़े की नहीं है | इसके आलावा ५ क्या संघ ने १९४२ क्व आन्दोलन में मुखबिरी नहीं किया था ? ६ क्या आपातकाल में सारे संघियों ने सरकार का समर्थन कर माफ़ी नहीं माँगा था ? ७ क्या देश में प्रतिबंधित गोडसे की पुस्तक केवल संघ नहीं बेचता और केवल उसी के द्वारा नहीं छापी जाती है ? ८ क्या भा जा पा की सरकार बनने के बाद शाखाये १०% नहीं रह गयी है ? ९ क्या जब तक भा जा पा सरकार रही तब तक संघ और उसके सारे चेलो ने राम मंदिर पर मौन धारण नहीं कर लिया था ? १० क्या उस सरकार में संघ के सारे प्रचारक दलाली और जमीनों पर कब्ज़ा कर बड़े आदमी नहीं हो गए है ११ क्या संघ का एक संगठन मंत्री औरत के साथ सी डी में भारत ने नहीं देखा १२ क्या सबसे बड़े आतंकवादी को संघ के मंत्री काबुल छोड़ कर नहीं आये ? क्या भा जा पा का अध्यक्ष घूस लेते टी वी पर नहीं देखा गया १३ .क्या उस सरकार में सभी विभागों में जबदस्त घोटाले नहीं पाए गए ? १४ क्या ये सच नहीं की जो अपने राम का ही नहीं हुआ उसी को धोखा दे दिया और किसका होगा ? १५ क्या ये सच नहीं है की संघ पर केवल एक खास मराठा जाति का ही वर्चस्व है [कृपया बाकि लोग इस बात पर ध्यान से मनन कर ले ,यदि मै गलत कह रहा हूँ ] १६ क्या संघ से जुड़े ८०% से जायदा लोग व्यापारी नहीं है १७ क्या वे जमाखोरी ,मुनाफाखोरी और मिलावट का काम नहीं कर रहे है ? १९ क्या उनमे से किसी ने भी दो तरह का माल रखा है हिन्दू को असली और बाकि को मिलावटी २० क्या आगरा के गजट में एक पूर्व नेता की मुखबिरी पर स्वतंत्रता सेनानियों को जेल भेजे जाने की बात लिखी है ? २१ क्या मारीशस ,फिजी ,गुयाना ,टोबैको त्रिनिदाद ,न्यूजीलेंड सहित कई देशो में भारतीय लोग राष्ट्रपति या पधानमंत्री नहीं है ,क्या सिंगापूर जैसे तमाम देशी में भारतीय रास्रपति. मंत्री सहित बड़े पदों पर नहीं है ?के १९५० और ६० के बाद गए लोग भी अमरीका जैसे बड़े देश में गवर्नर और संसद तथा और महत्वपूर्ण पद पर नहीं है .क्या लन्दन में भी बाद के गए लोग मेयर और संसद सहित बड़े पदों पर नहीं है ? क्या आस्ट्रेलिया में भारत से पढ़ने गयी एक लड़की मेयर नहीं बनी ? क्या क्या पूछू ? कुंए से बाहर निकल कर भी दुनिया है और संघ के आदिमकालीन सोच वाली बातो से आगे भी बाते है ,इतिहास के तथ्य है | अगर पुरानी दुनिया और लड़ाइयो में ही रहना है तो १- राम ठाकुर थे और उनकी बीबी को ब्राहम्ण रावण उठा ले गया था ,फिर राम ने उसकी लंका जला दिया ,आप लोगो की सोच के हिसाब से पहले इन दोनों जातियों को पुराना हिसाब चुकता करना चाहिए २- उसके बाद महाभारत में कौन किसकी लड़की को ले भगा ,किसने किसको धोखा दिया ,किसने किसको मारा ये जाति और धर्म तथा गोत्र के हिसाब से याद रख कर लड़ाई जरी रहनी चाहिए | ३- उसके बाद भी इन्द्र ने अहिल्या से बलात्कार किया पता लगाना चाहिए की दोनों की जाति क्या थी और धर्म क्या था ? ४ उसके बाद का इतिहास भी इन्ही हिसाब से देखना चाहिए की गाली देने और गोली मारने की गुंजाईश कहा कहा है ? ५ कौरव पांडव ,कृष्ण और कर्ण जैसो का मामला भी छान बीन का है ? कट्टर पर तथा कथित नकली हिन्दुओ { क्योकि असली हिन्दू कट्टर नहीं होता और केवल अपनी नहीं बोलता है बल्कि आदिकाल से शास्त्रार्थ करता रहा है और नागपुर के ताले में दिमाग रख कर जो वहा रटा दिया केवल वाही नहीं बल्कि उसके बजाय खुली आँखों से दुनिया देखता है और आगे बढ़ता है अगर ऐसा नहीं होता तो आज दुनिया में भारत का डंका नहीं बज रहा होता |और मजदूर बन कर गए लोग राज नहीं कर रहे होते ] .इसलिए कृपया पहले दिमाग को खोले दुनिया को देखे खुले दिमाग से ये पढ़े और फिर थोडा ठन्डे मन से सोचे और तब जरूर कुछ कहे | आप भी भारत के नागरिक है ,आप सोच से पीछे रह जायेंगे तो भारत का ही १०० करोडवा हिसा पीछे रह जायेगा ,इसका मुझे दुःख होगा |कुछ लोगो ने बड़ी कड़वी टिपणी किया है ,पर मै भारत के किसी नागरिक को व्यक्तिगत दुशमन नहीं मानता कट्टर संघियों की तरह इसलिए व्यक्तिगत नाम लेकर कुछ नहीं लिख रहा हूँ ,और हां मेरे दोस्त मै ज्यादा नहीं जनता बस लिखने की कोशिश ही कर रहा हूँ और आभारी हूँ प्रवक्ता की वह मुझ जैसे साधारण लोगो को भी जगह देता है | विश्वास है की आप में से जो कट्टर संघी है वो गाँधी और दीनदयाल उपाध्याय की तरह की मेरी हत्या की साजिश नहीं करेंगे ,और मेरे उठाये सवालो का लाभ उठा कर कुए के मेढक के स्थान पर पढ़ा लिखा और दुनिया में प्रथम स्थान पर जाने वाले भारत का नागरिक और सही मायने में सच्चा हिन्दू और उससे भी बढ़ कर इन्सान बनेंगे | फिर भी कुछ समझ में नहीं आ पाए तो अज्ञानता के कारण,और आप को कोई मेरी बातो से दुःख पहुंचे तो मै केवल खेद व्यक्त कर सकता हूँ | क्योकि नए बन रहे अतंकवादियो के घृणित हाथो से मरना मुझे अच्छा नहीं लगेगा | मेरा अभियान जरी रहेगा | जय हिंद ,जय हिंद ,जय हिंद

3 टिप्‍पणियां:

  1. कुत्ते तो भोंकते ही रहते हैं, जब तक कुत्ते भोंकने के बजाय पागल होकर काटना शुरू नहीं करते तब तक उनका कोई नोटिस नहीं लेता...

    शायद इसीलिये लोग आपकी बात का जबाब नहीं दे रहे हैं, जबकि आप गला और कपड़े फाड़ फाड़ कर नंगे हुये जा रहे हैं...

    आप भोंकने के बजाय काटना शुरु कीजिये, फिर देखना लोग आपकी दुम कैसे दबाते हैं...

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  2. aap mere bhai hai aur jo salah de rahe hai uske liye dhanryavad ,shukriya .aap ne bhe khoob bhai ko pahchana

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