1: जज ने इजिप्ट के राष्ट्रपति अनवर सादात के हत्यारे से पूछा कि तुमने सादात को क्यों मारा ?
हत्यारे ने जवाब दिया " क्योंकि वो सेकुलर ( धर्मनिरपेक्ष) थे
जज ने फिर पूछा कि सेकुलर का क्या अर्थ होता है
तो हत्यारे ने जवाब दिया कि" उसे नहीं मालूम "
2; इजिप्ट के प्रसिद्ध लेखक महफूज के केस में उनको मारने वाले से जज ने पूछा कि तुमने उन्हें क्यों मारा ?
तो आतंकवादी में जवाब दिया कि उनके उपन्यास " द चिल्ड्रन ऑफ अवर नेबरहुड" के कारण
जज ने पूछा कि क्या तुमने वो उपन्यास पढ़ा है ?
तो अपराधी ने जवाब दिया " नहीं "
3: एक और जज ने आतंकवादी जिसने इजिप्ट के लेखक फराज फ़ौदा को मारा था से पूछा कि तुमने फौदा को क्यों मारा ?
आतंकवादी ने जवाब दिया कि वो देश के वफादार नहीं थे
जज ने पूछा कि ये तुम्हे कैसे पता लगा कि वो वफादार नहीं है
तो आतंकवादी ने कहा कि उनकी किताब के कारण जो उन्होंने लिखा है
तो जज ने पूछा कि किस किताब से तुम्हे पता लगा कि वो वफादार नहीं है ?
आतंकवादी ने कहा कि उसने उनकी किताब नहीं पढ़ा है
तो जज ने पूछा कि क्यों नहीं पढ़ा
तो आतंकवादी ने कहा " क्योंकि उसे पढ़ना या लिखना नहीं आता "
घृणा ज्ञान से नहीं अज्ञानता से फैलती है
और समाज को उसका मूल्य चुकाना पड़ता है ।
( किसी की इंग्लिश पोस्ट का मेरा हिंदी अनुवाद )
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