कल संसद और संविधान स्वतंत्र होकर मुस्कराए
संसद में कल का दिन केवल और केवल प्रतिपक्ष के नेता राहुल गांधी का रहा ।
नई भूमिका में का प्रारंभ करते ही उन्होंने बहुत आत्मविश्वास के साथ बहुत गंभीर और जिम्मेदारीपूर्ण तथा रणनीतिक हमला किया सरकार पर , भाजपा और संघ पर की पूरी सरकार लगातार तिलमिलाती रही पर लाचार दिखती रही । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को दो बार ,अमित शाह ,राजनाथ सिंह सहित कई मंत्रियों को राहुल गांधी के भाषण में बार बार उठ उठ कर टोकातकी करना पड़ा और अमित शाह तो अध्यक्ष से संरक्षण मागते हुए भी एक बार दिखाई पड़े जिनके खड़े होने पर पहले कोई बोलता नही था । इसी तरह भूपेंद्र यादव सहित कुछ लोगो ने नियमावली से राहुल गांधी को घेरने की कोशिश किया तो तो कई बार प्रमाणित करने के नाम पर परंतु राहुल गांधी पूरी तैयारी से आए थे इसलिए रुके नहीं । जब भी किसी ने भी टोकने की कोशिश किया राहुल गांधी ने पूरी सजगता से वही उसी समय उसका सटीक जवाब देकर ये बता दिया की पिछले सालो में संघी ट्रोल आर्मी द्वारा उनकी बारे में जो कुछ भी गढ़ा गया था वो ध्वस्त होने वाला है और आने वाला समय ससद में सरकार के लिए पिछले दस साल की भाती इतना आसान नहीं होगा और अब बिना काम किया केवल डरा कर , लोकसभा अध्यक्ष की ताकत का मानना दुरुपयोग कर और केवल जुमलो के सहारे संसद तथा सरकार नही चल पाएगी ।
ये अलग बात है की बिकाऊ सुपारी मीडिया अभी भी सुधरने का नाम नहीं ले रहा है और संसद तथा लोकतंत्र का भी अपमान करते हुए उसने पूरे से राहुल गांधी को एक धर्म का अपराधी सिद्ध करने में पूरी ताकत लगा दिया । पहले ही सुपारी मीडिया को लोगो ने देखना बंद कर दिया है आगे इनका और पतन होगा जनता को अदालत में क्योंकि समानांतर मीडिया , यूट्यूब और वाट्सअप के माध्यम से राहुल गांधी का भाषण इतना अधिक देखा गया और लगातार देखा जा रहा है की एक नया रिकॉर्ड बन जाने की सभावना है ।
राहुल गांधी ने कल धर्म जैसे विषय को अपने तरीके से परिभाषित किया और उसके द्वारा उन्होंने शिव , बुद्ध , महावीर, ईशा और मुस्लिम धर्म को एक साथ रख कर एक ही संदेश का वाहक सिद्ध किया तथा सभी आशीर्वाद वाली मुद्रा के हाथ को अभय मुद्रा बताते हुए बड़ी खूबसूरती से कांग्रेस के साथ जोड़ दिया तथा संदेश देने में कामयाब रहे की सभी धर्मो का संदेश है सत्य और अहिंसा तथा "डरो मत और डराओ मत" और यही कांग्रेस की विचारधारा है तथा सम्पूर्ण इंडिया गठबंधन की विचारधारा है । जब शिव की तस्वीर दिखाने पर लोकसभा अध्यक्ष तथा भाजपा ने विरोध किया तो तुरंत हाजिरजवाबी का परिचय देते हुए राहुल गांधी ने कई बार पूछ लिया की क्या यह शिव की तस्वीर लाना गलत है तो अध्यक्ष तथा सत्ता दोनो अपने को घिरता महसूस कर चुप हो गए और पिछले लोकसभा की भांति उसे कार्यवाही से निकलने की मांग करने की या निर्देश देने की हिम्मत भी किसी की भी नही हुई । राहुल गांधी द्वारा अभय मुद्रा का बार बार जिक्र जानबूझ कर किया गया और ये मुद्दा संघ तथा भाजपा पर करारा हमला तब बन गया जब उन्होंने कहा की हिंदू धर्म अहिंसक है और वो हिंसा कर ही सकता है पर संघ और भाजपा लगातार देश मे हिंसा कर रही है तथा उसको बढ़ावा दे रही है ।ये संगठन देश को डरा कर रखना चाहते है पर हमने उसी के खिलाफ लड़ाई छेड़ दिया और जनता ने वोट से संदेश दे दिया ।
उन्होंने हमला करते हुए कहा की भाजपा सरकार पिछले दस साल से संविधान और संवैधानिक संस्थाओं को कमजोर कर रही है इसलिए इंडिया गठबंधन ने संविधान को बचाने का प्रण ले लिए और जनता इस लड़ाई में साथ खड़ी हो गई ।
राहुल गांधी ने अपने हमले की शुरुवात सीधे लोकसभा अध्यक्ष पर हमले से किया जब उन्होंने कहा की अध्यक्ष के आसन पर दो व्यक्ति बैठे है एक अध्यक्ष और दूसरे ओम बिड़ला क्यों जब अध्यक्ष चुने जाने के बाद नरेंद्र मोदी और वो स्वयं उन्हें आसन तक पहुंचाने गए तो बिड़ला जी ने मोदी जी से झुक कर हाथ मिलाया पर उनसे तने रहकर । ये दोहरा व्यवहार था । इसपर बिड़ला जी ने जब सफाई देने की कोशिश किया की मोदी जी बड़े है इसलिए वो झुके तो तुरंत राहुल जी ने उन्हे फिर कटघरे में खड़ा कर दिया ये कहते हुए की लोकसभा में सबसे बड़े लोकसभा अध्यक्ष है और उनसे बड़ा कोई नही है इसलिए उन्हें किसी के सामने नही झुकना चाहिए ।
राहुल गांधी ने पिछले दस साल जो जो मुद्दे थे सब एक एक कर धारदार तरीके से उठाया । उन्होंने अग्निवीर पर सरकार को घेरा तो रक्षामंत्री राजनाथ सिंह खड़े हो गए पर राहुल गांधी ने बड़ी होशियारी से ये कहते हुए उन्हें निरुत्तर कर दिया की आप कुछ कहो और में कुछ कहूं इससे क्या फर्क पड़ता है क्योंकि अग्निववीर की सच्चाई खुद अग्निवीर जानते है और सेना भी जानती है । जब उन्होंने किसानों को आतंकवादी कहने का और स्वामीनाथन आयोग की सिफारिश नही मानने तथा एम एस पी नही देने का सवाल उठाया तो शिवराज सिंह चौहान उठ खड़े हुए पर उनको भी काउंटर अटैक से राहुल ने निरुत्तर कर दिया ।
राहुल गांधी ने नीट परीक्षा , किसान , मणिपुर,,बेरोजगारी , नोटबंदी, जी एस टी, हिंसा , ,भय , अयोध्या ,गुजरात , जम्मू कश्मीर,लद्दाख , अडानी , अंबानी इत्यादि हर मुद्दे पर धारदार तरीके से सरकार को घेरा पर हमेशा को तरह इस बार न तो अध्यक्ष ने तेवर दिखा कर रोका और तुरंत भाषण का कोई हिस्सा स्पंज किया तथा न ही सत्ता पक्ष ने कोई हिस्सा हटाने की मांग किया । पर हो सकता है की बाद में उनके भाषण के कुछ हिस्से कार्यवाही से स्पंज कर दिए जाएं लेकिन उसका ये फायदा तो होगा की इतिहास के पन्नो में वो दर्ज नहीं रहेंगे लेकिन तीर तो कमान से निकल चुका है और अपने निशाने पर लग चुका है । करोड़ों की संख्या में देश की जनता सुन चुकी है तथा पूरा वीडियो करोड़ों लोगो के पास है जो इतिहास से मिटने नही देगा ।
दस सालो बाद कल संसद में लोकतंत्र जिंदा दिखाई पड़ा । दस सालो बाद कल पक्ष और विपक्ष में संतुलन बनता दिखा । दस सालो बाद कल लोकसभा अध्यक्ष सत्ता के दबाव को भी कई बार किनारे करते दिखे । जी हा दस साल बाद कल संसद और संविधान दोनो मुस्कराते हुए दिखलाई पड़े स्वतंत्र और स्वच्छंद रूप से मुस्कराते हुए ।
डा सी पी राय
पूर्व मंत्री
चेयरमैन
मीडिया विभाग
उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी